आंवले के गुण
आवला के फायदे:-
लाख दुखों की एक दवा साबित होता रहा है धातृ फल आंवला। पाचन तंत्र से लेकर स्मरण शक्ति तक को दुरुस्त रखता है। यहां तक कि यह बुढ़ापे को भी हमसे दूर रखता है। इसकी खूबियों के बारे में बता रहे हैं
आंवला चूर्ण और हल्दी चूर्ण समान मात्र में लेकर भोजन के पश्चात ग्रहण करने से मधुमेह में लाभ
प्राप्त होता है।
हिचकी तथा उल्टी में आंवला रस, मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करें।
पीलिया से परेशान हैं तो आंवले को शहद के साथ चटनी बनाकर सुबह-शाम सेवन करें।
आंवले का मुरब्बा शक्तिदायक व शीतलता प्रदान करने वाला होता है।
स्मरण शक्ति कमजोर पड़ गई हो तो सुबह उठकर गाय के दूध के साथ दो आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए।
एक गिलास ताजा पानी 25 ग्राम सूखे आंवले बारीक पिसे हुए व 25 ग्राम गुड़ मिलाकर 40 दिन तक दिन में 2 बार सेवन करने से गठिया रोग समाप्त हो जाता है।
सूखे आंवले का चूर्ण मूली के रस में मिलाकर 40 दिन तक खाने से पथरी रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
आंवले के रस में थोड़ा कपूर मिलाकर उसका लेप मसूड़ों पर करने से दांत का दर्द ठीक हो जाए। दांतों के कीड़े भी मर जाएंगे।
रात को सोते समय आंवले का चूर्ण एक गिलास गाय के दूध के साथ सेवन करने से कब्ज दूर हो जाएगी।
सूखे आवले को पीसकर छलनी में छानकर आटे की भांति गूथकर रोज रात को सोते समय मुंह पर लेप करें और सुबह उठकर उसे धो दें। आपकाचेहरा चमक उठेगा।
आंवले के रस में घी का छौंक देकर सेवन करने से ज्वर नष्ट हो जाता है।
श्वेत प्रदर की समस्या में आंवले के चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करें, लाभ होगा।
बूढ़े दिखते हैं तो सूखे आंवले का चूर्ण तथा तिल का चूर्ण सम भाग में मिलाकर घी व मधु के साथ 20 दिनों तक सेवन करें, लाभ होग
साभार ~पतंजलि आचार्य बालकृष्ण जी
लाख दुखों की एक दवा साबित होता रहा है धातृ फल आंवला। पाचन तंत्र से लेकर स्मरण शक्ति तक को दुरुस्त रखता है। यहां तक कि यह बुढ़ापे को भी हमसे दूर रखता है। इसकी खूबियों के बारे में बता रहे हैं
आंवला चूर्ण और हल्दी चूर्ण समान मात्र में लेकर भोजन के पश्चात ग्रहण करने से मधुमेह में लाभ
प्राप्त होता है।
हिचकी तथा उल्टी में आंवला रस, मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करें।
पीलिया से परेशान हैं तो आंवले को शहद के साथ चटनी बनाकर सुबह-शाम सेवन करें।
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आंवला, रीठा व शिकाकाई के चूर्ण से बाल धोने पर बाल स्वस्थ व चमकदार होते हैं।आंवले का मुरब्बा शक्तिदायक व शीतलता प्रदान करने वाला होता है।
स्मरण शक्ति कमजोर पड़ गई हो तो सुबह उठकर गाय के दूध के साथ दो आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए।
एक गिलास ताजा पानी 25 ग्राम सूखे आंवले बारीक पिसे हुए व 25 ग्राम गुड़ मिलाकर 40 दिन तक दिन में 2 बार सेवन करने से गठिया रोग समाप्त हो जाता है।
सूखे आंवले का चूर्ण मूली के रस में मिलाकर 40 दिन तक खाने से पथरी रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
आंवले के रस में थोड़ा कपूर मिलाकर उसका लेप मसूड़ों पर करने से दांत का दर्द ठीक हो जाए। दांतों के कीड़े भी मर जाएंगे।
रात को सोते समय आंवले का चूर्ण एक गिलास गाय के दूध के साथ सेवन करने से कब्ज दूर हो जाएगी।
सूखे आवले को पीसकर छलनी में छानकर आटे की भांति गूथकर रोज रात को सोते समय मुंह पर लेप करें और सुबह उठकर उसे धो दें। आपकाचेहरा चमक उठेगा।
आंवले के रस में घी का छौंक देकर सेवन करने से ज्वर नष्ट हो जाता है।
श्वेत प्रदर की समस्या में आंवले के चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करें, लाभ होगा।
बूढ़े दिखते हैं तो सूखे आंवले का चूर्ण तथा तिल का चूर्ण सम भाग में मिलाकर घी व मधु के साथ 20 दिनों तक सेवन करें, लाभ होग
साभार ~पतंजलि आचार्य बालकृष्ण जी
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