सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार
सांप के काटने पर तुरंत अपनाएं ये घरेलू उपचार, करें ज़हर का असर कम!
क्या आपको पता है साँप के काटने पर तुरन्त क्या करना चाहिए?
क्या आपको पता है साँप के काटने पर तुरन्त क्या करना चाहिए?
पुराने जमाने में साँप के काटने से ज्यादातर लोग बिना सही इलाज के ही मर जाते थे। लोगों को यह पता ही नहीं था कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। बहुत कम लोगों को मालूम
है कि सारे साँप जहरीले नहीं होते हैं। भारत में लगभग पाँच से छह सौ किस्म के साँप मिलते हैं जिनमें बहुत कम साँप ही जहरीले होते हैं। लेकिन आम तौर पर लोग साँप के काटने पर वह जहरीला है कि नहीं इसके बारे में बिना जाने ही डर से मर जाते हैं, शायद डर के मारे उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है। अक्सर यह कहा जाता है कि साँप का जहर दिल और मस्तिष्क तक पहुँचने या पूरे शरीर तक फैलने में लगभग तीन से चार घंटे का समय लेता है, उसके बाद धीरे-धीरे विष का असर पूरे शरीर में होने लगता है। लेकिन इन घंटों में अगर आप अपने दिमाग का सही प्रयोग करके डॉक्टर के पास ले जाने की तैयारी करने के बीच कुछ घरेलू इलाजों के मदद से विष के खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं- घी - पहले मरीज को 100 एम.एल. (लगभग आधा कप) घी खिलाकर उल्टी करवाने की कोशिश करें, अगर उल्टी न हो तो दस-पंद्रह के बाद गुनगुना पानी पिलाकर उल्टी करवायें, इससे विष के निकल जाने या असर के कम होने की संभावना होती है। तुअर दाल- तुअर दाल का जड़ पीसकर रोगी को खिलाने से भी इन्फेक्शन या विष का असर कम होता है। कंटोला- कंटोला दो तरह का होता है, एक में फूल और फल दोनों होता है और दूसरे में सिर्फ फूल आता है उसको ‘बांझ कंटोला’ कहते हैं, उसका कंद घिसकर सर्पदंश वाले जगह पर लगाने से विष का असर या इन्फेक्शन की संभावना कम होती है। लहसुन- लहसुन तो हर किचन में मिल जाता है,उसको पीसकर पेस्ट बना लें और सर्पदंश वाले जगह पर लगायें या लहसुन के पेस्ट में शहद मिलाकर खिलाने या चटवाने से इन्फेक्शन कम हो जाता है।
है कि सारे साँप जहरीले नहीं होते हैं। भारत में लगभग पाँच से छह सौ किस्म के साँप मिलते हैं जिनमें बहुत कम साँप ही जहरीले होते हैं। लेकिन आम तौर पर लोग साँप के काटने पर वह जहरीला है कि नहीं इसके बारे में बिना जाने ही डर से मर जाते हैं, शायद डर के मारे उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है। अक्सर यह कहा जाता है कि साँप का जहर दिल और मस्तिष्क तक पहुँचने या पूरे शरीर तक फैलने में लगभग तीन से चार घंटे का समय लेता है, उसके बाद धीरे-धीरे विष का असर पूरे शरीर में होने लगता है। लेकिन इन घंटों में अगर आप अपने दिमाग का सही प्रयोग करके डॉक्टर के पास ले जाने की तैयारी करने के बीच कुछ घरेलू इलाजों के मदद से विष के खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं- घी - पहले मरीज को 100 एम.एल. (लगभग आधा कप) घी खिलाकर उल्टी करवाने की कोशिश करें, अगर उल्टी न हो तो दस-पंद्रह के बाद गुनगुना पानी पिलाकर उल्टी करवायें, इससे विष के निकल जाने या असर के कम होने की संभावना होती है। तुअर दाल- तुअर दाल का जड़ पीसकर रोगी को खिलाने से भी इन्फेक्शन या विष का असर कम होता है। कंटोला- कंटोला दो तरह का होता है, एक में फूल और फल दोनों होता है और दूसरे में सिर्फ फूल आता है उसको ‘बांझ कंटोला’ कहते हैं, उसका कंद घिसकर सर्पदंश वाले जगह पर लगाने से विष का असर या इन्फेक्शन की संभावना कम होती है। लहसुन- लहसुन तो हर किचन में मिल जाता है,उसको पीसकर पेस्ट बना लें और सर्पदंश वाले जगह पर लगायें या लहसुन के पेस्ट में शहद मिलाकर खिलाने या चटवाने से इन्फेक्शन कम हो जाता है।
loading...
नोट- इन घरेलू इलाजों से मरीजों के हालत को कुछ हद तक संभाला जा सकता है, फिर डॉक्टर के पास ले जाये।
विशाल जी बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआपके बताये हुए यह देसी घरेलू नुस्खे बहुत काम के हैं यह एक अच्छा हेल्थ टिप्स इन हिंदी में जानकारी देने वाला ब्लॉग है.
जवाब देंहटाएं