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टमाटर की खेती में अधिक उपज कैसे पाएं ? Tomato forming in hindi

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Tamatar ki kheti tomato farming in hindi   किसान भाइयों यह सफल किसान मात्र दो एकड़ की टमाटर की खेती से लाखों की कमाई कर रहा है। वह भी बहुत कम समय व कम लागत लगाकर। इनकी खेती के तरीके एवं प्रबंधन की कहानी पढ़कर आप को भी प्रेरणा मिलेगी।

Ganne ki kheti kaise kare ? गन्ने ki adhunik kheti

Ganne ki adhunik kheti kaise kare ? Ganne ki.kheti se adhik upaj kaise paye भारत में गन्ने की खेती बहोत बड़े पैमाने पर की जाती है गन्ने की फसल में कम मेहनत में अधिक मुनाफा काम सकते है गन्ने की फसल के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे  mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_Ganna_New.aspx   x

जैविक खेती की जानकारी !! ORGENIC FARMING BENEFITS !! INDIAN AGRICULTURE

जैविक खेती संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। loading... loading... प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान का चक्र Ecological system निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रांथों में प्रभु कृष्ण और बलराम हैं जिन्हें हम गोपाल एवं हलधर के नाम से संबोधित करते हैं अर्थात कृषि एवं गोपालन संयुक्त रूप से अत्याधिक लाभदायी था, जोकि प्राणी

मुंगफली की खेती के बारे में जाने

म.प्र. में मूंगफली प्रमुख रूप से शिवपुरी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, टीकमगढ, झाबुआ, खरगोन जिलों में लगभग 220 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में होती है। ग्रीष्मकालीन मूंगफली का क्षेत्र विस्तार धार, रतलाम, खण्डवा, अलीराजपुर, बालघाट, सिवनी, होशंगाबाद एंव हरदा जिलों में किया जा सकता है। मूंगफल में तेल 45 से 55 प्रतिशत, प्रोटीन 28 से 30 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेठ 21-25 प्रतिशत, विटामिन बी समूह, विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नेशियम, जिंक फॉस्फोरस, पोटाश जैसे मानव शरीर को स्वस्थ रखनें वाले खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। मूँगफली खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिये निचे दी गयी लिंक पर क्लीक करे http://mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_pranaliya_kharif_mungfali_New.aspx

मटर की खेती kaise kare ?Matar ki kheti me adhik utpadan kaise paye?

Matar ki kheti me adhik upajbkaise paye loading... मटर की खेती सब्जी और दाल के लिये उगाई जाती है। मटर दाल की आवश्यकता की पूर्ति के लिये पीले मटर का उत्पादन करना अति महत्वपूर्ण है, जिसका प्रयोग दाल, बेसन एवं छोले के रूप में अधिक किया जाता है । पीला मटर की खेती वर्षा आधारित क्षेत्र में अधिक लाभप्रद है । इसका क्षेत्रफल मध्यप्रदेश में 2,64,000 हे. है । इसकी उत्पादकता मध्यप्रदेश में 553 कि.ग्रा. हे. जो कि राष्ट्रीय उत्पादकता (910 कि.ग्रा. प्रति हे.) से काफी कम है । इसकी उत्पादकता बढाने के लिये उन्नत तकनीक अपनाना अति आवष्यक है । भूमि का चुनाव: मटर की खेती सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है परंतु अधिक उत्पादन हेतु दोमट और बलुई भूमि जिसका पी.एच.मान. 6-7.5 हो तो अधिक उपयुक्त होती है। मटर की खेती के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_pea_New.aspx loading... loading...

मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानो की दी जाने वाली सुविधाये जाने

मध्यप्रदेश में किसानों को बहुत सारी सुविधाएं प्रदान की गई है जिससे कि किसान बंधु अधिक से अधिक उत्पादन ले सके और प्रदेश में कृषि के उत्पादन में अधिक  वृद्धि कर सके किसानों को मिलने वाली सुविधाओं में टपक पद्धति रानी की ड्रिप स्प्रिंकलर प्याज भंडारण और मुफ्त में कृषि ऋण सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रदान किया जाता है प्रदेश में खाद की समस्या के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाता है पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जाता है पिछले कुछ वर्षों में कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में अधिक उत्पादन के लिए मध्यप्रदेश सरकार कई प्रकार के कृषिमेले लगाकर और भी कई प्रकार की योजनाएं चला कर किसानों को आधुनिक कृषि करने के लिए और अधिक उत्पादन करने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं चला रही है जिससे किसान समृद्धि बन सके । मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानो की दी जाने वाली सुविधाये जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/suvidhaye_2014.aspx केसर की कहती कैसे करे जानने के लिए यहाँ क्लिक करे loading...

मध्यप्रदेश में जैविक खेती करने के पंजीयन कैसे करे ?

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मध्यप्रदेश में जैविक खेती मध्यप्रदेश में जैविक खेती  करने के पंजीयन कैसे करे जैविक खेती संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई  जनसंख्या एक गंभीर समस्या  है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप जैविक खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान का चक्र Ecological system निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रांथों में प्रभु कृष्ण और बलराम हैं जिन्हें हम गोपाल एवं हलधर के नाम से संबोधित करते है

चने की खेती

आज के समय में कृषि के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में भारी मात्रा में कंपटीशन चल रहा है फसलों की बात करें तो उत्पादन में भी वृद्धि हुई है इसका मुख्य कारण है आधुनिक खेती और आधुनिक भारत में रसायनिक रासायनिक कीटनाशक रसायनिक खाद रसायनिक फंगीसाइड और  हाइब्रिड बीज कृषि  मैं उत्पादन की क्रांति ला दी हर किसान को आधुनिक खेती कर अधिक उत्पादन कर अपना व अपने परिवार का और अपने देशकी प्रगति मैं एक नई दिशा देनी चाहिए चने की खेती कैसे करें और कैसे चने की खेती में अधिक उत्पादन पाएं कीटनाशक और खाद का समन्वय कैसे बिठाएं जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें और अधिक से अधिक उत्पादन पाएं loading... चने की खेति के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_Chana_New.aspx loading...

केले की आधुनिक खेती

loading... (sc_adv_out = window.sc_adv_out || []).push({ id : "221740", domain : "n.ads1-adnow.com" }); केले की आधुनिक खेती के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लीक करे  mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_kela_New.aspx loading... अधिक जानकारी के

इसबगोल की खेती

loading... इसबगोल की उन्नत तकनिकी द्वारा की जाने वाली खेती के सम्बन्ध में जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लीक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_isabgol_New.asp loading...

संतरे की खेती

संतरे की खेती के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_orange_New.asp (sc_adv_out = window.sc_adv_out || []).push({ id : "221740", domain : "n.ads3-adnow.com" }); class="SC_TBlock">loading...

अनार की खेती कैसे kare? Anar ki adhunik kheti

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Aaj hum janege Anar ki aadhunik kheti kaise kare ?Anar ki adhunik kheti se adhik upaj ke sath sath adhik labh kaise kamaye कम समय और paiso में ज्‍यादा kamai का सपना हर किसी का होता है। लेकिन देश में किसानों की बात करें तो पहली नजर में ऐसा मुश्किल नजर आता है। Anar ki adhunik kheti ऐसे में जरूरी यह है कि ऐसी fasal या bussiness पर ध्‍यान दिया जाए, जिसमें खर्च कम हो और लंबे समय तक के लिए कमाई सुनिश्चित हो सके। अनार की खेती ऐसा ही काम है।अनार की खेती से लाखों तक की कमाई हो रही है। दिलचस्‍प बात यह है कि इसके लिए ज्‍यादा खर्च भी नहीं करने की जरूरत है। Market me Anar ki डिमाण्ड भारतीय मार्केट में अनार की अहमियत और कीमत से हर कोई वाकिफ है। ऊंची कीमत होने के बावजूद बीमारी से लेकर त्‍योहार तक में अनार का इस्‍तेमाल होता है। वहीं जूस मार्केट में करीब अनार का 70 फीसदी तक इस्‍तेमाल हो रहा है। अनार की खेती को एक एकड़ खेत के मानक से समझा जा सकता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) के मुताबिक 1 एसर यानी कुल 43,560 वर्ग फुट जमीन पर अनार की खेती में कुल खर्च करीब 1,7

गाजर की खेती कैसे करे

गाजर की खेती के बारे में जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लीक करे loading... mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/Gajar_New.asp x

पपीता की खेती

loading... बड़वानी जिले की लाल तथा पीली किस्मे प्रसिध्द हैं पपीते के फलो से पपेन तैयार किया जाता है। जिसका प्रसंस्कृत उत्पाद हेतु उपयोग किया जाता है। पपीता प्यूरी का भी बडा निर्यातक है। पपीता की खेती के बारे में अधिक जनने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लीक करे mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_papita_New.aspx loading...

लहसुन की खेती

लहसुन एक कन्द वाली मसाला फसल है। इसमें एलसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसकी एक खास गंध एवं तीखा स्वाद होता हैै "एक सेब एक दिन डॉक्टर को दूर करता है" इसी तरह एक लहसुन की कली एक दिन डॉक्टर को दूर करता है यह एक नकदी फसल है तथा इसमें कुछ अन्य प्रमुख पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं । इसका उपयोग आचार,चटनी,मसाले तथा सब्जियों में किया जाता है।लहसुन की खेती के बारे में अधिक जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे  loading... loading... href="http://mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_garlic_New.aspx">mpkrishi.mp.gov.in/hindisite/krishi_capsules_garlic_New.aspx loading...

अदरक की खेती

अदरक की खेती  loading... अदरक का प्रयोग मसाले, औषधिया तथा सौन्र्दय सामग्री के रूप में हमारे दैनिक जीवन में वैदिक काल से चला आ    रहा हैं ।जलवायु:- अदरक की खेती गर्म और आर्द्रता वाले स्थानों में की जाती है ।  loading... अदरक की की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिए loading...

शिमला मिर्च की खेती की उन्नत तकनीक

शिमला मिर्च की खेती kaise करे !! शिमला मिर्च की खेती से अधिक लाभ कैसे कमाये ,शिमला मिर्च की खेती में किट नियंत्रण कैसे करे !! loading... हमारे देश मे उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों मे टमाटर एवं शिमला मिर्च (कैपसीकम एनम) का एक महत्वपूर्ण स्थान है। शिमला मिर्च को सामान्यता बेल पेपर भी कहा जाता है। इसमे विटामिन-सी एवं विटामिन -ए तथा खनिज लवण जैसे आयरन, पोटेशियम, ज़िंक, कैल्शियम इत्यादी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा मे पाये जाते है। जिसके कारण अधिकतर बीमारियो से बचा जा सकता है।बदलती खाद्य शैली के कारण शिमला मिर्च की मांग दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। शिमला मिर्च की खेती भारत मे लगभग 4780 हैक्टयर में की जाती है तथा वार्षिक उत्पादन 42230 टन प्रति वर्ष होता है। उपज बढाने मे मध्यप्रदेश मे अभी काफी गुजाईश हैं। इसके लिए खेत की तैयारी, उन्नत संकर बीज का उपयोग, बीज उपचार, समय पर बुवाई, निर्धारित पौध संख्या, कीट और बीमारी का नियन्त्रण, निर्धारित मात्रा मे उर्वरको का उपयोग और समयपर सिंचाई आदि उपज बढाने मे विशेष भूमिका अदा करते है। टमाटर एवं शिमला मिर्च की खेती देशवासियो को भोजन तथा खाद्य सु

CROP TIPS IN HINDI भिन्डी की खेती कैसे करे

नमस्कार दोस्तों  loading... krishi me adhik labh pane ke liye bhindi ki kheti ke bare me jane or labh kamaye भिन्डी की खेती loading... भिंडी । Abelmoschus esculentus (L.) Moench एक लोकप्रिय सब्जी है। सब्जियों में भिंडी का प्रमुख स्थान है जिसे लोग लेडीज फिंगर या ओकरा के नाम से भी जानते हैं। भिंडी की अगेती फसल लगाकर किसान भाई अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। मुख्य रुप से भिंडी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवणों जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस के अतिरिक्त विटामिन ‘ए’, बी, ‘सी’, थाईमीन एवं रिबोफ्लेविन भी पाया जाता है। इसमें विटामिन ए तथा सी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है। भिंडी के फल में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है। भिंडी का फल कब्ज रोगी के लिए विशेष गुणकारी होता है। अधिक उत्पादन तथा मौसम की भिंडी की उपज प्राप्त करने के लिए संकर भिंडी की किस्मों का विकास कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया हैं। ये किस्में येलो वेन मोजैक वाइरस रोग को सहन करने की अधिक क्षमता रखती हैं। इसलिए वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर उच्च गुणवत्ता का उत्पादन कर सकते हैं। Bhindi ki kheti se adhik upaj kaise

Soyabin ki kheti kaise kare ? Soyabin ki kheti me adhik upaj kaise paye

सोयाबीन की खेती कैसे करे !! सोयाबीन की खेती से अधिक लाभ कैसे कमाये !! सोयाबीन की खेती के लिए बीज कौन सा लगाये की अधिक उपज हो !!  loading... सोयाबीन का अधिक उत्पादन प्रस्तावनाः मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीफ की एक प्रमुख फसल है, जिसकी खेती लगभग 53.00 लाख हैं. क्षेत्रफल में की जाती है । देश में सोयाबीन उत्पादन के क्षेत्र में म.प्र. अग्रणी है, जिसकी हिस्सेदारी 55: से 60: के मध्य है लेकिन उत्पादन पर नजर डालेंगे तो पायेंगे कि हमारे देश की उत्पादकता 10 कि./हे. हैं, जो कि एशिया की औसत उत्पादन 15 क्विं /हैक्ट०. की तुलना में काफी कम है । अकेले मालवा जलवायु क्षेत्र में सोयाबीन का क्षेत्रफल लगभग 22 से 25 लाख है, अच्छादित है । इससे स्पष्ट है, कि प्रदेश में सोयाबीन का भविष्य इसी क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होता है । उज्जैन जिले में सोयाबीन की खेती लगभग 4.00 है, से अधिक क्षेत्र में की जाती है । यदि सोयाबीन उत्पादकता कमी के कारणों पर प्रकाश डालेंगे तो हम पायेंगे कि सोयाबीन की खेती वर्तमान में विभिन्न प्रकार की विषम परिस्थितियों से गुजर रही है अर्थात दिन प्रतिदिन इसकी खेती में विभिन्न व्यय में अत्

MP krishi yognaye

mp krishi yojana ,kishano ko milne wali krishi yojana ka labh kaise le,mp me kisano ki kon kon si subsidy yojnaye hai or unka labh kaise le. loading... मध्यप्रदेश की कृषि योजनाए जानने के लिए यहा क्लिक करे loading...