small scal business idea in hindi लघु उद्योग अगरबत्ती बनाने की सरल विधि जाने
small scal udhyog in hindi
laghu or kutir udhyog kaise lgaye
नमस्कार दोस्तों
आज हम आपको अगरबत्ती उद्योग के बारे में बताऐगे जो बहोत हि कम पूंजी में स्टार्ट कर सकते है साथ ही इसमें लिए आपको पड़ा लिखा होने की भी जरुरत नही ।
अगरबत्ती बनाना~:
अगरबत्ती का स्वरोजगार आजकल खूब फल-फूल रहा है। यह वह उद्योग है, जिसको अधिकतर महिलाएं चलाती हैं। ऐसी महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो शादी के बाद अगरबत्ती का व्यवसाय घर से शुरू कर रही हैं। अगरबत्ती की जरूरत हर घर में होती है। घर को सुगंधित करना हो या फिर भगवान की पूज करने के लिए अगरबत्ती की आवश्यकता पड़ती है। घर बैठी महिलाओं के लिए यह स्वरोजगार अब
कमाई का उम्दा जरिया बन चुका है, क्योंकि अगरबत्ती का जो पैकेट चार साल पहले तक महज 1 से 5 रु. के बीच दुकानों से उपलब्ध होता था, वह अब 20 से
25 रु. का मुहैया हो रहा है। यही नहीं, इन पैकेटों की कई वराइटी होती हैं, जिनकी कीमत सौ रुपये तक भी होती है ।
अगरबत्ती बनाने की विधि
अगरबत्ती के निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त आसान है तथा घर में ही कम पूंजी तथा बिना किसी मशीन के प्रयोग से यह इकाई स्थापित की जा सकती है। इसकी निर्माण की प्रक्रिया भी ऐसी है कि इसके निर्माण में घर के सभी सदस्य हाथ बंटा सकते हैं। इस प्रकार घरेलू स्तर पर ही अत्यन्त अल्प पूंजी से स्थापित करके यह उद्योग अनेकों शिक्षित बेरोजगार युवकों तक के लिए जीविकोपार्जन का साधन बन सकता है।
इसे बनाने में जो प्रमुख
कच्चे माल काम में आते हैं वे हैं - लकडी, सफेद चंदन, लकडी का कोयला
(चारकोल), राल तथा गूगल आदि। इनमें सर्वप्रथम सफेद चंदन तथा लकडी के
कोयले को अच्छी तरह पीस लिया जाता है। इसके उपरांत गूगल को पानी में
मिलाकर खरल करके उसकी लेई बना ली जाती है। इसके उपरांत इसमें पीसा हुआ
चंदन सफेद, राल तथा लकडी का कोयला (चार कोल) मिला दिया जाता है। इस
प्रकार यह मसाला तैयार हो जाता है।
इस गूंथे हुए मसाले को बांस की तालियों (सीकों) पर लगाया जाता है।
तीलियों पर मसाला लगाने के अनेकों तरीके प्रचलन में हैं। एक तरीके के
अनुसार एक हाथ में हथेली पर मसाला लेकर उस पर तीली घुमाते हुए मसाला तीली
पर चढा दिया जाता है। इसी प्रकार एक दूसरे तरीके में मसाले में से जरा सी
गोली को बेलते हुए सींक पर मसाला चढा लिया जाता है। अच्छी सुगंधित
अगरबत्ती बनाने के लिए मसाले में 1/8 भाग चंदन का बुरादा मिला लेना
उपयुक्त रहता है।
बांस की तीलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इन तीलियों का
साइज प्रायः 8 इंच से 10-12 इंच तक होता है। प्रायः एक किलो में लगभग
1300 तीलियां (मसाला लगाने के बाद) आती हैं। इस प्रकार इन तीलियों पर लगा
मसाला सूख जाने के उपरांत इन्हें सुगंधित अगरबत्तियां बनाने के लिए मसाला
लगाने के उपरांत या तो इन अगरबत्तियों को एक सुगंधित मिश्रण में डुबोया
जाता है अथवा उस पर वह मिश्रण छिडक दिया जाता है। इस संदर्भ में एक अच्छे
सुगंधित मिश्रण का फार्मूला इस प्रकार है !
1. बेंजिन एसिटेट - 25 ग्राम
2. चंदन का तेल - 30 ग्राम
3. बेंजिन अल्कोहल - 5 ग्राम
4. लिनासूस - 10 ग्राम
5. लिनालिल एसिटेट - 5 ग्राम
6. अल्का एमाइल एल्डिहाइड- 2 ग्राम का अल्कोहल में 10 फीसदी घोल
7. इंडोल 10 फीसदी घोल - 5 ग्राम
इस प्रकार उद्यमी सुगंध के संदर्भ में अपनी पसंद का कोई और फार्मूला अथवा
किसी और प्रकार की सुगंध का इस्तेमाल भी कर सकता है। साधारणतया
अगरबत्तियों की पैकिंग 10-10 तीलियों की संख्या में चौकोर कार्डबोर्ड के
डिब्बों में की जाती है। डिब्बों में पैक करने से पूर्व इन पर प्रायः
सैलोफीन कागज अथवा पोलीथीन भी चिपकाया जाता है। आजकल अगरबत्तियों की
पैकिंग हेतु प्लास्टिक के गोल तथा लम्बे डिब्बों का उपयोग भी किया जा रहा
है।
दूसरों को भी रोजगार दे सकती हैं
अगरबत्ती का रोजगार सबसे पहले आप अपने घर के सदस्यों के साथ मिल कर शुरू
कर सकती हैं। अगर एक आदमी के पास इसकी जनकारी है तो वह दूसरों से शेयर
करके काम को आगे बढ़ा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि काम बड़े स्तर पर
कुछ जनकारी दे दें और अपना काम शुरू कर दें। ऐसा करने से आप तो कमाएंगी
ही दूसरों को रोजगार भी दे सकेंगी।
अगरबत्ती बनाने की मशीनरी !
laghu or kutir udhyog kaise lgaye
नमस्कार दोस्तों
आज हम आपको अगरबत्ती उद्योग के बारे में बताऐगे जो बहोत हि कम पूंजी में स्टार्ट कर सकते है साथ ही इसमें लिए आपको पड़ा लिखा होने की भी जरुरत नही ।
अगरबत्ती बनाना~:
अगरबत्ती का स्वरोजगार आजकल खूब फल-फूल रहा है। यह वह उद्योग है, जिसको अधिकतर महिलाएं चलाती हैं। ऐसी महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो शादी के बाद अगरबत्ती का व्यवसाय घर से शुरू कर रही हैं। अगरबत्ती की जरूरत हर घर में होती है। घर को सुगंधित करना हो या फिर भगवान की पूज करने के लिए अगरबत्ती की आवश्यकता पड़ती है। घर बैठी महिलाओं के लिए यह स्वरोजगार अब
कमाई का उम्दा जरिया बन चुका है, क्योंकि अगरबत्ती का जो पैकेट चार साल पहले तक महज 1 से 5 रु. के बीच दुकानों से उपलब्ध होता था, वह अब 20 से
25 रु. का मुहैया हो रहा है। यही नहीं, इन पैकेटों की कई वराइटी होती हैं, जिनकी कीमत सौ रुपये तक भी होती है ।
अगरबत्ती बनाने की विधि
अगरबत्ती के निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त आसान है तथा घर में ही कम पूंजी तथा बिना किसी मशीन के प्रयोग से यह इकाई स्थापित की जा सकती है। इसकी निर्माण की प्रक्रिया भी ऐसी है कि इसके निर्माण में घर के सभी सदस्य हाथ बंटा सकते हैं। इस प्रकार घरेलू स्तर पर ही अत्यन्त अल्प पूंजी से स्थापित करके यह उद्योग अनेकों शिक्षित बेरोजगार युवकों तक के लिए जीविकोपार्जन का साधन बन सकता है।
इसे बनाने में जो प्रमुख
कच्चे माल काम में आते हैं वे हैं - लकडी, सफेद चंदन, लकडी का कोयला
(चारकोल), राल तथा गूगल आदि। इनमें सर्वप्रथम सफेद चंदन तथा लकडी के
कोयले को अच्छी तरह पीस लिया जाता है। इसके उपरांत गूगल को पानी में
मिलाकर खरल करके उसकी लेई बना ली जाती है। इसके उपरांत इसमें पीसा हुआ
चंदन सफेद, राल तथा लकडी का कोयला (चार कोल) मिला दिया जाता है। इस
प्रकार यह मसाला तैयार हो जाता है।
इस गूंथे हुए मसाले को बांस की तालियों (सीकों) पर लगाया जाता है।
तीलियों पर मसाला लगाने के अनेकों तरीके प्रचलन में हैं। एक तरीके के
अनुसार एक हाथ में हथेली पर मसाला लेकर उस पर तीली घुमाते हुए मसाला तीली
पर चढा दिया जाता है। इसी प्रकार एक दूसरे तरीके में मसाले में से जरा सी
गोली को बेलते हुए सींक पर मसाला चढा लिया जाता है। अच्छी सुगंधित
अगरबत्ती बनाने के लिए मसाले में 1/8 भाग चंदन का बुरादा मिला लेना
उपयुक्त रहता है।
बांस की तीलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इन तीलियों का
साइज प्रायः 8 इंच से 10-12 इंच तक होता है। प्रायः एक किलो में लगभग
1300 तीलियां (मसाला लगाने के बाद) आती हैं। इस प्रकार इन तीलियों पर लगा
मसाला सूख जाने के उपरांत इन्हें सुगंधित अगरबत्तियां बनाने के लिए मसाला
लगाने के उपरांत या तो इन अगरबत्तियों को एक सुगंधित मिश्रण में डुबोया
जाता है अथवा उस पर वह मिश्रण छिडक दिया जाता है। इस संदर्भ में एक अच्छे
सुगंधित मिश्रण का फार्मूला इस प्रकार है !
1. बेंजिन एसिटेट - 25 ग्राम
2. चंदन का तेल - 30 ग्राम
3. बेंजिन अल्कोहल - 5 ग्राम
4. लिनासूस - 10 ग्राम
5. लिनालिल एसिटेट - 5 ग्राम
6. अल्का एमाइल एल्डिहाइड- 2 ग्राम का अल्कोहल में 10 फीसदी घोल
7. इंडोल 10 फीसदी घोल - 5 ग्राम
इस प्रकार उद्यमी सुगंध के संदर्भ में अपनी पसंद का कोई और फार्मूला अथवा
किसी और प्रकार की सुगंध का इस्तेमाल भी कर सकता है। साधारणतया
अगरबत्तियों की पैकिंग 10-10 तीलियों की संख्या में चौकोर कार्डबोर्ड के
डिब्बों में की जाती है। डिब्बों में पैक करने से पूर्व इन पर प्रायः
सैलोफीन कागज अथवा पोलीथीन भी चिपकाया जाता है। आजकल अगरबत्तियों की
पैकिंग हेतु प्लास्टिक के गोल तथा लम्बे डिब्बों का उपयोग भी किया जा रहा
है।
दूसरों को भी रोजगार दे सकती हैं
अगरबत्ती का रोजगार सबसे पहले आप अपने घर के सदस्यों के साथ मिल कर शुरू
कर सकती हैं। अगर एक आदमी के पास इसकी जनकारी है तो वह दूसरों से शेयर
करके काम को आगे बढ़ा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि काम बड़े स्तर पर
loading...
शुरू करना है तो आप मुहल्ले की औरतों का एक समूह बना लें और उनको काम की कुछ जनकारी दे दें और अपना काम शुरू कर दें। ऐसा करने से आप तो कमाएंगी
ही दूसरों को रोजगार भी दे सकेंगी।
अगरबत्ती बनाने की मशीनरी !
अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करे ।
small scal business ko badawa dekar bharat ki pragati me hath bataye
(sc_adv_out = window.sc_adv_out || []).push({
id : "221740",
domain : "n.ads3-adnow.com"
});
class="SC_TBlock">loading...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें